This is default featured slide 1 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.

तिरस्कृत

दलित आत्मकथा 'तिरस्कृत' डा. सुभाष चन्द्र, एसोशिएट प्रोफेसर हिन्दी-विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र सूरजपाल चौहान की आत्मकथा ’तिरस्कृत’ दलित जीवन की सच्चाइयों को उद्घाटित करती है। समाज में व्याप्त जाति -आधारित ऊंच-नीच, भेदभाव, शोषण व तिरस्कार को उघाड़ती है। ब्राह्मणवाद ने किस तरह से दलितों का शोषण किया है उन प्रक्रियाओं को उद्घाटित करते हुए दलित जीवन का प्रामाणिक चित्र प्रस्तुत किया है। व्यवस्था की अमानवीयता को उजागर किया है। दलितों...

अक्करमाशीः समाजशास्त्रीय अध्ययन

अक्करमाशीः समाजशास्त्रीय अध्ययन डा. सुभाष चन्द्र, एसोशिएट प्रोफेसर हिन्दी-विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र शरणकुमार लिम्बाले रचित आत्मकथा अक्करमाशी’ दलित साहित्य की अनुपम कृति है, जो समाज की ऐसी सच्चाई को हमारे सामने रखती है कि समाज में व्याप्त भेदभाव व असमानता को कानूनी मान्यता देने वाली व्यवस्था की परत दर परत उघाड़ती जाती है। मनुष्य के जीवन में...

सर्वोच्च न्यायालय का खाप-पंचायत संबंधी फैसला

REPORTABLE IN THE SUPREME COURT OF INDIA CRIMINAL APPELLATE JURISDICTION CRIMINAL APPEAL NO._958__of 2011 [Arising out of SLP(Criminal) No. 8084 of 2009] Arumugam Servai .. Appellant (s) -versus- State of Tamil Nadu .. Respondent WITH CRIMINAL APPEAL NO. 959 of 2011 [Arising out of SLP (Criminal) No. 8428 of 2009] ...