
हिन्दी आलोचना के ‘मेहतर’ - नामवर सिंह
डा.सुभाष चन्द्र, हिन्दी-विभाग
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र
नामवर सिंह ने हिन्दी आलोचना में जब से (57-58 वर्ष पहले) कदम रखा है तभी से वे इसके केन्द्रीय किरदार रहे हैं। इस दौरान साहित्यकारों की पीढी बदल गई। हिन्दी-साहित्य में कई आन्दोलन आए और गए। आलोचक व रचनाकार आए और गए,लेकिन इस मायने में नामवर सिंह एक अपवाद ही हैं...