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डा. भीमराव आंबेडकर के चिंतन में धर्मनिरपेक्षता वाटरमार्क की तरह – प्रोफेसर, सुभाष चंद्र

डा. भीमराव आंबेडकर के चिंतन, कार्यों और जीवन-लक्ष्यों में धर्मनिरपेक्षता वाटरमार्क की तरह से मौजूद है। लोकतंत्र, राष्ट्र, धर्म व जाति संबंधी विचारों को जानकर ही धर्मनिरपेक्षता के संबंध में उनके विचारों को समग्रता से समझा जा सकता है।डा. आंबेडकर भारत में लोकतांत्रिक समाज और लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्थापित करने के चैंपियन थे। उनकी लोकतंत्र की अवधारणा में स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे की बुनियाद पर खड़ी थी। उन्होंने अपने लेखओं व वक्तव्यों में बार-बार...

हिन्दी साहित्य का पठन-पाठन

हिन्दी साहित्य का पठन-पाठन डा. सुभाष चन्द्र, एसोशिएट प्रोफेसर, हिन्दी-विभाग,  कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र हिन्दी साहित्य के पठन-पाठन के दो केन्द्र हैं। एक तो औपचारिक ढांचा है, जिसमें उच्च शिक्षा के संस्थान विश्वविद्यालय व महाविद्यालय तथा सरकारी अनुदान प्राप्त साहित्य अकादमियां हैं। इनमें कार्यरत नामी-गिरामी प्रोफेसर हैं, निरीह-लाचार और तेजस्वी शोध-छात्र हैं, सत्ता के कृपा-प्रार्थी जुगाड़ू साहित्यकार हैं। साहित्य से...